*” यूरिया से बेहतर अमोनिया सल्फेट”*

खेती में यूरिया की जगह अमोनिया सल्फेट का उपयोग करें

🌱 यूरिया से बेहतर अमोनियम सल्फेट – किसानों के लिए लाभकारी खाद

भूमिका

खेती-किसानी में खाद का सही चुनाव बहुत मायने रखता है। हमारी मिट्टी की सेहत और फसल की पैदावार दोनों ही इस बात पर निर्भर करते हैं कि हम कौन-सी खाद का उपयोग करते हैं। आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली खाद है यूरिया, लेकिन कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अमोनियम सल्फेट (Ammonium Sulphate) कई मायनों में यूरिया से बेहतर विकल्प है।इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर क्यों अमोनियम सल्फेट किसानों के लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।

1. यूरिया क्या है और इसका उपयोग

यूरिया (Urea) एक नाइट्रोजन युक्त खाद है जिसमें लगभग 46% नाइट्रोजन होता है। भारत में किसान सबसे ज्यादा यूरिया का ही इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध है और कीमत भी कम है।

👉 यूरिया के फायदे:इसमें नाइट्रोजन की मात्रा ज्यादा होती है।यह सस्ती खाद है।लगभग सभी फसलों में प्रयोग किया जा सकता है।

👉 यूरिया की कमियां:इसमें केवल नाइट्रोजन होता है, अन्य पोषक तत्व नहीं।जल्दी उड़ (evaporate) जाती है जिससे फसल को पूरा फायदा नहीं मिलता।ज्यादा उपयोग करने से मिट्टी अम्लीय (Acidic) हो जाती है।लंबे समय तक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता और उपज क्षमता घटती है।

2. अमोनियम सल्फेट क्या है?

अमोनियम सल्फेट एक संतुलित खाद है जिसमें लगभग 21% नाइट्रोजन और 24% गंधक (Sulphur) होता है। यह सफेद क्रिस्टल के रूप में मिलता है और नमी को सोखने की क्षमता रखता है।

👉 अमोनियम सल्फेट का महत्व:नाइट्रोजन के साथ गंधक भी उपलब्ध कराता है।मिट्टी में pH संतुलन बनाए रखता है।पौधों की जड़ों और दानों के विकास में मदद करता है।फसलों की गुणवत्ता और स्वाद बढ़ाता है।

3. यूरिया और अमोनियम सल्फेट में अंतर (Comparison Table)विशेषता

यूरिया अमोनियम सल्फेटनाइट्रोजन की मात्रा 46% 21%अन्य पोषक तत्व केवल नाइट्रोजन नाइट्रोजन + 24% गंधकमिट्टी पर प्रभाव मिट्टी को अम्लीय बनाता है मिट्टी का pH संतुलित करता हैअसर की अवधि जल्दी खत्म हो जाता है लंबे समय तक असरदारफसल पर असर केवल हरी पत्तियों की बढ़त जड़, दाने और गुणवत्ता में सुधारकीमत सस्ती थोड़ी महंगी लेकिन लाभकारी

4. अमोनियम सल्फेट के प्रमुख फायदे

4.1 नाइट्रोजन और गंधक का संतुलनजहाँ यूरिया सिर्फ नाइट्रोजन देता है, वहीं अमोनियम सल्फेट दो पोषक तत्व (N + S) एक साथ उपलब्ध कराता है।

4.2 मिट्टी की सेहतयूरिया का ज्यादा उपयोग मिट्टी को अम्लीय बनाता है, जिससे उपज धीरे-धीरे घटने लगती है। इसके विपरीत, अमोनियम सल्फेट मिट्टी का संतुलन बनाए रखता है।

4.3 फसल की गुणवत्तागेहूं में दानों की मोटाई और चमक बढ़ाता है।सरसों और दालों में तेल व प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता है।कपास की गुणवत्ता और रेशों की मजबूती में सुधार करता है।

4.4 लंबे समय तक असरअमोनियम सल्फेट धीरे-धीरे घुलता है और पौधों को लगातार पोषण देता है, जबकि यूरिया जल्दी खत्म हो जाता है।

5. किन फसलों में अमोनियम सल्फेट सबसे ज्यादा लाभकारी है?

🌾 गेहूं (Wheat) – दानों की संख्या और मोटाई बढ़ाता है।

🌻 सरसों और तिलहन फसलें – तेल की मात्रा और उत्पादन बढ़ाता है।🌱 दलहन (Pulses) – प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता है।

🏵️ कपास (Cotton) – रेशों की गुणवत्ता सुधारता है।

🧅 प्याज, लहसुन और सब्जियाँ – स्वाद और उत्पादन में बढ़ोतरी।

6. अमोनियम सल्फेट के उपयोग की विधि

1. बुवाई के समय बेसल डोजफसल की बुवाई करते समय 50% अमोनियम सल्फेट डालना फायदेमंद होता है।

2. टॉप ड्रेसिंगफसल बढ़ने पर बाकी 50% खुराक टॉप ड्रेसिंग के रूप में दी जा सकती है।

3. सिंचाई के साथ उपयोगअमोनियम सल्फेट को सिंचाई के पानी के साथ भी दिया जा सकता है।

7. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अमोनियम सल्फेट क्यों बेहतर?

इसमें गंधक (Sulphur) होता है, जो पौधों में प्रोटीन और एंजाइम बनाने के लिए जरूरी है।नाइट्रोजन का नुकसान कम होता है क्योंकि यह धीरे-धीरे पौधों को मिलता है।मिट्टी में सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या संतुलित रहती है।लंबे समय तक लगातार उत्पादन क्षमता बनाए रखता है।

8. किसानों का अनुभव

राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के कई किसान अब धीरे-धीरे यूरिया की जगह अमोनियम सल्फेट का उपयोग करने लगे हैं। उनका कहना है कि इससे फसल की पैदावार बढ़ी है और मिट्टी की ताकत भी बनी हुई है।

9. यूरिया और अमोनियम सल्फेट का संयुक्त प्रयोग

कुछ फसलों में किसान यूरिया और अमोनियम सल्फेट दोनों को मिलाकर भी उपयोग कर सकते हैं। इससे पौधों को तुरंत नाइट्रोजन और लंबे समय तक गंधक दोनों का लाभ मिलता है।

10. निष्कर्ष

खेती में खाद का सही चुनाव करना ही समझदारी है। यूरिया सस्ती जरूर है, लेकिन केवल नाइट्रोजन देती है। दूसरी तरफ अमोनियम सल्फेट थोड़ा महंगा जरूर है, लेकिन यह नाइट्रोजन के साथ-साथ गंधक भी उपलब्ध कराता है, जो फसल की उपज, गुणवत्ता और मिट्टी की सेहत – तीनों के लिए जरूरी है।

👉 इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि यूरिया से बेहतर है अमोनियम सल्फेट

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